क्या है मनोदर्पण अभियान (What is MANODARPAN initiative??)
हाल ही में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों को उसके मानसिक स्वास्थ्य कल्याण और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने के लिए मनोदर्पण पहल ( MANODARPAN initiative) की शुरुआत की है।
पूरी दुनिया कोविड-19 के कहर से जूझ रही है। इस वजह से दुनिया में ना केवल एक स्वास्थ्य आपातकाल की दशा उत्पन्न हो गई है बल्कि इसने पूरे समाज में अनिश्चितता की भावना और मनोसामाजिक तनाव पैदा कर दिया है। इसका सबसे गहरा असर बच्चों और किशोरों में हुआ है। वे तनाव, चिंता, भय के साथ साथ भावनात्मक और व्यवहारिक बदलाव से भी गुजर रहे हैं। इसके अलावा इस महामारी के चलते अध्यापकों और अभिभावकों में भी तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। इस तनाव की वजह से वह भी बच्चों की मदद नहीं कर पा रहे हैं। इन्हीं सब समस्याओं से निपटने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मनोदर्पण पहल की शुरुआत की है।
शिक्षा पर ध्यान देने के साथ-साथ छात्रों अभिभावकों और अध्यापकों के मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना आवश्यक है। इसी उद्देश्य से मनोदर्पण पहल की शुरुआत आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत किया गया है। इस मौके पर MHRD मंत्री ने मनोदर्पण पर एक हैंडबुक भी लॉन्च किया। इसमें मानव संसाधन मंत्रालय के पोर्टल पर मनोदर्पण का एक विशेष वेब पेज और राष्ट्रीय टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 84484 40632 उपलब्ध कराया गया है।
इस पहल के जरिए मानव संसाधन मंत्रालय एक समग्र और व्यापक मार्गदर्शन प्रणाली विकसित करेगी और इस प्रणाली की मदद से सभी को मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में परामर्श और कल्याण सेवाएं प्रदान की जाएंगी। यह सेवाएं कोरोना के संकटकाल के बाद भी जारी रहेगी और विद्यार्थियों और उनके परिवारों और अध्यापकों के मानसिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने का काम करेगी।
इसके अलावा इन सेवाओं के पहुंच को और व्यापक बनाने के लिए राष्ट्रीय टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 8448440632 की भी शुरू की जा रही है जो कोरोना संकटकाल के बाद भी अनवरत रूप से चालू रहेगी। राष्ट्रीय हेल्पलाइन पर जिन राष्ट्रीय स्तर के काउंसलरों की मदद ली जा सकती है उनका डाटाबेस और डायरेक्टरी स्कूलों और विश्वविद्यालयों को उपलब्ध करा दिया गया है।
मनोदर्पन पहल के घटक (Elements of MANODARPAN initiative)
सलाहकारी दिशानिर्देश – परिवारों के साथ-साथ छात्रों, शिक्षकों एवं स्कूल प्रणालियों और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के लिए सलाहकारी दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।
एमएचआरडी वेबसाइट पर वेब पेज – इस पेज पर मनोवैज्ञानिक समर्थन, FAQ, ऑनलाइन क्वेरी सिस्टम, पोस्टर, वीडियो सलाहकार और व्यावहारिक सुझाव मौजूद रहेंगे।
राष्ट्रीय स्तर के डेटाबेस और काउंसलरों की निर्देशिका – इसकी मदद से स्वैच्छिक रूप से राष्ट्रीय स्तर पर टेली काउंसलिंग सेवा प्रदान करने को बढ़ावा दिया जाएगा।
राष्ट्रीय टोल फ्री हेल्पलाइन – इस अनूठी हेल्पलाइन को अनुभवी परामर्शदाताओं या वैज्ञानिकों और अन्य मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों को एक पुल द्वारा संचालित किया जाएगा जो कोरोना संकटकाल के बाद भी जारी रहेगी।
मनोवैज्ञानिक समर्थन हेतु हैंडबुक – जीवन के कौशल विकास और छात्रों के कल्याण के लिए आनलाईन हैंडबुक प्रकाशित किया जाएगा। हैंडबुक कोरोना संकटकाल के दौरान और उसके बाद भावनात्मक और व्यवहार संबंधी चिंताओं से निपटने के तरीके और साधन बताएगी।
इंटरैक्टिव ऑनलाइन चैट प्लेटफॉर्म – छात्र और उनके परिवारों और अध्यापकों के लिए मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से परामर्श एवं मार्गदर्शन के लिए एक इंटरैक्टिव ऑनलाइन चैट प्लेटफॉर्म की भी शुरुआत की गई है और समय-समय पर वेबनार के जरिए भी सभी से जुड़ने की कोशिश की जाएगी।
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लेखक: कैलाश कुमार पटना विश्ववद्यालय
thats a good article, i think its really make many sence to understand the aspect manodparn. this covid 19 really breaking every person health, financial,as sell as social.
thanks to show the people.
thnx
Nice article.It is worth to read.